क्या आपकों पता है दुनिया के सात अजूबे कौन कौन से हैं और कहां कहां है? आपने कभी न कभी इनके बारे में सुना जरूर होगा लेकिन क्या उनके बारे में जानते हैं?
दुनिया के अजूबे से हमारा मतलब यह है कि ऐसे अद्भुत प्राकृतिक और मानव निर्मित संरचनाओं का संकलन जो मनुष्य को आश्चर्यचकित करती हैं.
प्राचीन काल से आज तक दुनिया भर के अजूबे की सूची तैयार की गई, जिसमें समय समय पर बदलाव भी होते आया.
तो चलिए अब जानते हैं दुनिया में सात अजूबे कौन कौन से है और उनका नाम क्या है 7 Wonders of the World Names in Hindi, जिसे आज सबसे महान मानव निर्मित संरचनओं और विश्व में प्राकृतिक धरोहर के रूप में देखा जाता है.
दुनिया के सात अजूबे (Duniya Ke Saat Ajoobe Ke Naam)
1. चीन की दीवार (Great Wall of China)
चीन की विशाल दीवार दुनिया की सबसे बड़ी इमारत-निर्माण परियोजनाओं में से एक है जो मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है.
यह दुनिया के सात अजूबों में शामिल हैं जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16वीं शताब्दी तक बनवाया गया. इसे बनाने के पीछे मुख्य कारण उत्तरी हमलावरों से देश को रक्षा प्रदान करना था.
ऐसा माना जाता है इस दीवार को बनाने में करीब 20 लाख मजदूर लगे थे जिनमें से करीब 10 लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. कहते हैं उन्हें दीवार के नीचे ही दफना दिया गया था इसलिए अक्सर इसे दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है.
इस दीवार की लंबाई को लेकर थोड़ी असमंजस की स्थिति है क्योंकि व्यापक रूप से इसकी लंबाई 5,500 मील (8,850 किमी) लंबी मानी जाती है जबकि साल 2012 में चीन में ही किए गए एक राजकीय सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘चीन की दीवार’ की कुल लंबाई 13,170 मील (21,200 किमी) है.
चीन में इसे ‘वान ली चैंग चेंग’ के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि ‘चीन की दीवार’ को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है.
पहला अजूबे के नाम | चीन की विशाल दीवार |
कहा है? | चीन |
निर्माण | 5वीं-16वीं शताब्दी |
द्वारा बनाया गया | किन राजवंश, मिंग राजवंश |
2. ताजमहल (Taj Mahal)
ताजमहल दुनिया के सात अजूबे में शामिल अपने सुंदरता और प्यार की निशानी के तौर पर लोकप्रिय है. इसे सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल के सम्मान में बनवाया था इसलिए इसे प्रेम का प्रतीक चिह्न भी माना जाता है.
इसके निर्माण में 20,000 कुशल कारीगरों को शामिल किया गया था और इसे पूरा बनने में 22 साल का समय लगा, जिसमें एक विशाल उद्यान और एक प्रतिबिंबित पूल भी शामिल है.
ताज सफेद संगमरमर, ज्यामितीय और पुष्प पैटर्न में अर्ध कीमती पत्थर एवं रत्न बगदाद से बना है जिसे भारत के विभिन्न क्षेत्रों और कई अलग अलग देशों से भारी कीमतों पर खरीद कर निर्माण किया गया था.
यमुना नदी के किनारे निर्मित ‘ताजमहल’ न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है इसलिए इसे देखने देश विदेश के लाखों पर्यटक आते हैं.
दूसरा अजूबे के नाम | ताज महल |
कहा है? | आगरा, भारत |
निर्माण | 1632–53 |
द्वारा बनाया गया | सम्राट शाहजहाँ |
3. पेट्रा (Petra)
दुनिया के सात अजूबों में से एक पेट्रा जोर्डन के अमान प्रांत में स्थित एक ऐतिहासिक नगरी है. पेट्रा विश्व के कई प्राचीन शहरों में शूमार है जो अपने पत्थर से तराशी गई इमारतों के लिए विश्वभर में लोकप्रिय है.
इस नगरी में आपको लाल रंग के पत्थरों से तराशी गयी गई कई इमारतें देखने को मिलती है और इसकी वजह से ही इसे ‘रोज सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है.
कहते हैं पेट्रा को 312 ईसा पूर्व में नबातियन लोगों ने अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया गया था. आज के समय में यह दुनिया के लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक हैं जहां दुनिया भर के लोग इसकी सुन्दरता को देखने जाते हैं.
पेट्रा को युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर होने का दर्जा मिला हुआ है, जिसे जुलाई 2007 में इसे विश्व के नए 7 अजूबों की लिस्ट में शामिल भी कर लिया गया.
तीसरा अजूबे के नाम | पेट्रा |
कहा है? | जोर्डन |
निर्माण | 312 ई.पू. |
द्वारा बनाया गया | नबातियन |
4. क्राइस्ट रिडीमर (Christ the Redeemer Statue)
क्राइस्ट द रिडीमर दुनिया के सात अजूबे में शामिल यह जीसस की एक विशाल प्रतिमा है जो रियो डी जनेरियो में माउंट कोरकोवाडो के ऊपर स्थित है.
इसे मूर्ति का निर्माण 1926 में शुरू हुआ और पांच साल बाद पूरा हुआ. यह प्रबलित कंक्रीट से बना है और लगभग छह मिलियन टाइलों में ढका हुआ है.
क्राइस्ट द रिडीमर 39.6 मीटर (130 फीट) लंबी और 30 मीटर (98 फीट) चौड़ी, जिसका वजन 635 टन के साथ साथ यह दुनिया की सबसे बड़ी आर्ट डेको मूर्ति भी है.
आज क्राइस्ट द रिडीमर ईसाई धर्म के एक प्रतीक के रूप में रियो और ब्राजील की एक पहचान बन गयी है. इसे देखने दुनिया भर के कोने कोने से लोग आते हैं.
चौथा अजूबे के नाम | क्राइस्ट द रिडीमर |
कहा है? | ब्राजील |
निर्माण | 1922 – 31 |
द्वारा बनाया गया | मूर्तिकार पॉल लैंडोव्स्की द्वारा डिजाइन किया गया और अल्बर्ट कैक्वॉट के सहयोग से इंजीनियर हेटर दा सिल्वा कोस्टा द्वारा बनाया गया & मूर्तिकार घोरघे लियोनिडा ने चेहरा बनाया. |
5. माचू पिच्चु (Machu Picchu)
दुनिया के सात अजूबों में शामिल है माचू पिच्चु पेरू शहर (दक्षिण अमेरिकी) में स्थित है, जिसका निर्माण हमेशा से ही एक रहस्य रहा है.
माचू पिच्चु को 1911 में हिरम बिंघम द्वारा खोजी गई थी जिनका मानना था कि यह विलकाबांबा था, जिसे 16 वीं शताब्दी के स्पेनिश शासन के खिलाफ विद्रोह के दौरान इस्तेमाल किया गया एक गुप्त इंकान गढ़ हुआ करता था.
हालांकि यह दावा कितना सही है वो रहस्य आज भी बना हुआ है. वही कुछ लोगों को यह भी मानना था कि यह एक तीर्थ स्थल था, जबकि कुछ का मानना है कि यह एक शाही वापसी थी. इसे अक्सर लोग ‘इंकाओं का खोया हुआ शहर’ भी कहते हैं.
8000 फीट की ऊंचाई पर बसे माचू पिच्चु आज दुनियाभर के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गई है. कहते है इसका निर्माण 1450 ईस्वी के आसपास इंकाओं ने कराया था.
माचू पिच्चु का रहस्य क्या है? वो आज भी एक मुद्दा बना हुआ है. लेकिन जो भी हो, इसकी सुंदरता सचमुच देखने लायक है.
पांचवां अजूबे के नाम | माचू पिच्चु |
कहा है? | पेरु |
निर्माण | 1450 ईस्वी के आसपास |
द्वारा बनाया गया | इंकान साम्राज्य |
6. कोलोज़ीयम (The Roman Colosseum)
कोलोज़ीयम (कोलिसियम) दुनिया के नए सात अजूबे में से एक है, जिसका निर्माण रोम में पहली शताब्दी में सम्राट वेस्पासियन के आदेश से किया गया था.
यह अब तक का सबसे बड़ा प्राचीन एम्फीथिएटर है जो पुरानी होने के बावजूद आज भी दुनिया का सबसे बड़ा स्टैंडिंग एम्फीथिएटर है.
कोलोज़ीयम ट्रैवर्टीन चूना पत्थर और ईंट से बने कंक्रीट से बना है, जिसकी अभियांत्रिकी को आज भी तारीफ़ होती है. वर्तमान में यह खंडहर के रूप में ही बची है फिर भी पर्यटकों का सबसे लोकप्रिय जगह बनी हुई है.
छठा अजूबे के नाम | कोलोज़ीयम |
कहा है? | रोम |
निर्माण | 70-72 ई. के आसपास |
द्वारा बनाया गया | फ्लेवियन राजवंश के सम्राट वेस्पासियन |
7. चीचेन इट्ज़ा (Chichen Itza)
चीचेन इट्ज़ा दुनिया के सात अजूबे में शामिल यह युकाटन राज्य, मेक्सिको में स्थित है, जो 9वीं और 10वीं शताब्दी में विकसित हुआ था.
यह एक पुरातत्व स्थल है जिसका इतिहास 1200 साल से भी अधिक पुराना है. चीचेन इट्ज़ा को देखने दुनिया भर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं और इसके इतिहास के बारे में समझते हैं.
इसका आकर पिरामिड की तरह है जो करीब 79 फिट ऊँचा है. इसमें कुल 365 सीढ़िया है यानी प्रत्येक सीढ़ी साल के एक दिन का प्रतीक है और कुछ इस तरह इसके चारों दिशाओं में 91 सीढ़ियाँ है.
चीचेन इट्ज़ा को देखने दुनिया भर के विभिन्न स्थानों से लोग आते हैं और इसके इतिहास और चीज़ों को समझते हैं.
सातवां अजूबे के नाम | चीचेन इट्ज़ा |
कहा है? | मेक्सिको |
निर्माण | 5वीं-13वीं शताब्दी |
द्वारा बनाया गया | माया-टोलटेक सभ्यता |
दुनिया के 7 अजूबे के नाम हिंदी और इंग्लिश में (Duniya Ke 7 Ajoobe Ke Naam)
क्र.सं. | दुनिया के सात अजूबे हिंदी में | दुनिया के सात अजूबे के नाम in english |
1. | चीन की विशाल दीवार | Great Wall of China |
2. | ताजमहल | Taj Mahal |
3. | पेत्रा | Petra |
4. | क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा | Christ the Redeemer |
5. | माचू पिच्चु | Machu Picchu |
6. | कोलोसियम | Colosseum |
7. | चीचेन इट्ज़ा | Chichén Itzá |
प्राचीन दुनिया के सात अजूबे कौन कौन से थे?
- गीज़ा के पिरामिड
- बेबीलोन के झूलते बाग़
- ओलम्पिया में जियस की मू्र्ति
- अर्टेमिस का मन्दिर
- माउसोलस का मकबरा
- रोडेस कि विशालमूर्ति
- ऐलेक्जेन्ड्रिया का रोशनीघर
दुनिया में कितने अजूबे हैं?
दुनिया में सात अजूबे है – चीन की विशाल दीवार,ताजमहल, पेत्रा, क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा, माचू पिच्चु, कोलोसियम और चीचेन इट्ज़ा.
दुनिया के सात अजूबे का ही चुनाव क्यों किया गया?
दुनिया के सात अजूबे का ही चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि यूनानियों ने इसे माना और बहुतो द्वारा इसे प्रतिनिधित्व किया गाया. साथ ही प्राचीन विश्व के सात अजूबे का निर्माण केवल भूमध्य सागर के आसपास स्थित हैं.
दुनिया के सात अजूबे में भारत का ताजमहल भी शामिल है.
हाँ, ताज महल दुनिया के सात अजूबे में शामिल है.
निष्कर्ष,
इस लेख में आपकों दुनिया के सात अजूबे कौन कौन से हैं (Seven Wonders of the World in Hindi) और उनसे संबंधित बातों के बारे में जानकारी दी गई है.
वैसे दुनिया के सात अजूबे की सूची तैयार करने में कई बदलाव किए गए हैं क्योंकि कुछ दुनिया के अजूबे वर्तमान में मौजूद नहीं है.
यदि आप विश्व के सात अजूबे के बारे में पहले से नहीं जानते थे तो इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद हम उम्मीद करते हैं आपकों अच्छी तरह से जानकारी हो गई होगी.
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