रामायण का नाम सबने सुना है और इस पर बनी रामायण सीरिअल भी सबने देखा होगा लेकिन क्या आपकों पता है रामायण के रचयिता कौन है यानी रामायण (Ramayan) किसने लिखी?
रामायण हिन्दुओं की सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय ग्रन्थ हैं जिसमें श्रीराम की गाथा है. यह संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है, जिसका समय त्रेतायुग का माना जाता है.
यदि आप रामायण के रचयिता किसे कहा जाता है (Ramayan Ke Rachyita) के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े.
रामायण के रचयिता कौन है? (Ramayan Ke Rachyita)
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि है जिन्होंने इस महाकाव्य को 600 ई.पू. से पहले लिखा था. इसलिए इसे ‘वाल्मीकि रामायण’ या ‘बाल्मीकि रामायण’ भी कहा जाता है.
उनके द्वारा रचित लोकप्रिय ग्रंथ रामायण में प्रेम, त्याग, तप व यश की भावनाओं को महत्व दिया गया है. साथ ही उन्होंने अपनी इस रचना से हर किसी को सद्मार्ग पर चलने की राह दिखाई.
वाल्मीकि का जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नवम पुत्र वरुण (आदित्य) से हुआ. वह प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों में से एक थे जो आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं.
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत रामायण महाकाव्य में श्रीराम की गाथा है जैसे कि उनके पिता राजा दशरथ द्वारा राज्य से उनके निर्वासन, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ भारत के जंगलों में उनकी यात्रा.
उसके बाद लंका का राक्षस राजा रावण द्वारा उनकी पत्नी के अपहरण का वर्णन, जिसके परिणामस्वरूप उसके साथ युद्ध हुआ, और श्री राम की जीत हुई, फ़िर अयोध्या वापसी हुई और राजा का ताज पहनाया गया.
वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण में सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं. इसमें कुल 24,000 श्लोक है, जो हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं, जिसके माध्यम से पूरी रामायण की रचना हुई है.
रामायण के रचयिता | महर्षि वाल्मीकि |
रचनाकाल | त्रेता युग |
भाषा | संस्कृत |
महर्षि वाल्मीकि कौन थे?
महर्षि वाल्मीकि रामायण के रचयिता है जो आदिकवि या पहला कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं. वह ऋषि मुनि बनने से पूर्व एक डाकू थे.
उनका जन्म प्राचीन भारत में गंगा के किनारे प्रचेतस के नाम से एक ऋषि के यहाँ हुआ था. पहले उनका नाम रत्नाकर था.
बचपन में रत्नाकर जंगलों में खो गए थे और उन्हें एक शिकारी ने अपने बेटे के रूप में पाला था. जब वह बड़ा हुए तो शिकारी पिता की तरह ही बन गए और बाद में डाकू भी बन गए थे.
एक बार ऐसा हुआ कि वह महर्षि नारद से मिले और उन्हें लूटने की कोशिश की, तब नारद जी ने उन्हें अपने तरीकों की बुराई के बारे में आश्वस्त किया और धार्मिक विद्वान में परिवर्तित कर दिया.
उन्होंने रामायण (राम की कहानी) सुनाई और उन्हें इसे भावी पीढ़ी के लिए लिखने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने राम नाम का जप करने की सलाह दी.
रत्नाकर ने कई वर्षों तक तपस्या की और उनके चारों ओर एक चींटी का पहाड़ उग आया. इसी कारण इनका नाम वाल्मीकि पड़ा.
उन्होंने अपनी कठिन साधना से ब्रह्म देव को प्रसन्न किया, जिसके फलस्वरूप ब्रम्हदेव ने वाल्मीकि जी को ज्ञान दिया और रामायण लिखने का सामर्थ्य दिया. उसके बाद, महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत रामायण की रचना की.
रामायण किसने लिखी और कब लिखी ?
महर्षि वाल्मीकि द्वारा संस्कृत महाकाव्य रामायण को 600 ई.पू. से पहले लिखा था.
रामायण सबसे पहले किस भाषा में लिखी गई थी?
रामायण सबसे पहले संस्कार भाषा में लिखी गई थी.
रामायण कितने भाषाओं में लिखा जा चुका है?
रामायण अब तक विभिन्न भाषाओं में लिखी जा चुकी है जैसे कि अन्नामी , बाली, बांग्ला, कम्बोडियाई, चीनी, गुजराती, जावाई, कन्नड़, कश्मीरी, खोटानी, लाओसी, मलेशियाई, मराठी, ओड़िया, प्राकृत, संस्कृत, संथाली, सिंहली, तमिल, तेलुगु, थाई, तिब्बती, कावी आदि.
रामायण का दूसरा नाम क्या है?
रामायण का दूसरा नाम रामचरितमानस है.
निष्कर्ष,
तो दोस्तों, इस लेख में आपकों रामायण के रचयिता कौन है यानी रामायण किसने लिखी? (Ramayan Ke Rachyita Kaun Hai) के बारे में बताया गया है. जैसे कि :
महर्षि वाल्मीकि को रामायण के रचयिता कहा जाता है जो प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों में से एक थे.
हम उम्मीद करते हैं आपकों रामायण के रचयिता किसे कहा जाता है और उनसे संबंधित बातों के बारे में समझ गए होंगे. यदि यह लेख आपकों पसंद आई है तो कृपया इसे अन्य लोगों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे.
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