यदि आप बाल मनोविज्ञान के जनक कौन है (Father of Child Psychology in Hindi) यानी बाल मनोविज्ञान के पिता किसे कहा जाता है के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े.
ऐसा माना जाता है बाल मनोविज्ञान के ज्ञान के बिना सफल गृहस्थ जीवन व्यतीत नहीं किया जा सकता इसलिए आपकों इसके बारे में शिक्षा हासिल जरूर करना चाहिए.
बाल मनोविज्ञान को समझने से हम शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के प्रति बड़ी बदलाव कर सकते हैं जो आगे चलकर उनके जीवन को सफल बनाने के लिए कार्य कर सकती हैं.
आइए अब बाल मनोविज्ञान के जनक किसे कहा जाता है (bal manovigyan ke janak) और इससे संबंधित अन्य जरूरी बातों के बारे में जानते हैं.
बाल मनोविज्ञान का क्या अर्थ है?
बाल मनोविज्ञान का अर्थ बालकों के व्यवहार एवं उनके अंतरमन का अध्ययन होता है. यह मनोविज्ञान की एक शाखा है जिसमें आपकों मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो,मानकों एवं विचारों के बारे में सीखने को मिलता है.
इसका उद्देश्य बालकों के सर्वांगीण विकास करना है और साथ ही उनके मानसिक,शारीरिक,सामाजिक,सांस्कृतिक विकास को करना है.
बालक इसके केंद्र बिंदु होते हैं और इसके अंतर्गत सभी मनोविज्ञान के समस्त पहलुओं का अध्ययन किया जाता हैं जैसे कि बालक का व्यवहार, उनके व्यक्तित्व, आदि.
बाल मनोविज्ञान के जनक कौन है? (Father of Child Psychology in Hindi)
बाल मनोविज्ञान के जनक जीन पियाजे (Jean Piaget) को कहा जाता है. वे पहले मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने बच्चों में समझ के अधिग्रहण का व्यवस्थित अध्ययन किए और इसलिए उन्हें ‘बाल मनोविज्ञान के पिता’ के रूप में जानते हैं.
जीन पियाजे को 20वीं सदी के विकासात्मक मनोविज्ञान (developmental psychology) के क्षेत्र में एक बड़ी हस्ती हैं.
जीन पियाजे कौन थे?
जीन पियाजे एक स्विस मनोवैज्ञानिक और आनुवंशिक एपिस्टेमोलॉजिस्ट थे जो बाल मनोविज्ञान (विकास) पर अपने काम के लिए जाने जाते थे.
वह अपने सिद्धांत संज्ञानात्मक विकास के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है जो यह बतलाता है कि बचपन के दौरान बच्चे बौद्धिक रूप से कैसे विकसित होते हैं.
जीन पियाजे के द्वारा दिए गए सिद्धांत बाल मनोविज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी योगदान थी इसलिए उन्हें ‘बाल मनोविज्ञान के जनक’ के रूप में भी जानते हैं.
बाल मनोविज्ञान के जनक | जीन पियाजे (Jean Piaget) |
जन्म | 9 अगस्त 1896, न्यूचैटेल, स्विटजरलैंड |
मृत्यु | 16 सितंबर 1980, जिनेवा, स्विट्जरलैंड |
राष्ट्रीयता | स्विस |
जीवनसाथी | वेलेंटाइन चेटेने (एम. 1923-1980) |
बच्चे | जैकलिन पियागेट, लॉरेंट पियागेट, लुसिएन पियागेट\ |
शिक्षा | न्युचटेल विश्वविद्यालय |
क्षेत्र | विकासात्मक मनोविज्ञान, ज्ञानमीमांसा |
प्रसिद्धि | बाल मनोविज्ञान के जनक |
बाल मनोविज्ञान का इतिहास
19वीं शताब्दी से ही बाल मनोविज्ञान की आवश्यकता संसार के प्रमुख विद्वानों ने अनुभव करने लगे थे. उन्होंने अनुभव किया बालकों के भली प्रकार से लालन पालन और शिक्षण के लिए बाल मनोविज्ञान को समझना होगा.
20वीं शताब्दी में, बालशिक्षण के महत्व के साथ-साथ, बाल मनोविज्ञान का अधिक विकास हुआ.
हरबर्ट स्पेन्सर के अनुसार, हर इंसान की शिक्षा में बाल मनोविज्ञान का शिक्षा अनिवार्य होना चाहिए.
इसके प्रारंभिक अध्ययन फ्रांस में हुआ है लेकिन कई देशों के विद्वानों ने बाल मनोविज्ञान की आवश्यकता पहले ही बताई थी.
हालांकि बालकों के मनोविज्ञान के अंतर्गत उनके शारीरिक और मानसिक विकास का वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन पिछले 80 वर्षों से ही हो रहा है. इनमें कई देशों के विद्वान कार्य कर रहे हैं जैसे कि फ्रांस, जर्मनी, यूरोप, अमेरिका, आदि.
बाल मनोविज्ञान और बाल विकास में क्या अंतर है?
बाल मनोविज्ञान में बालकों के मानसिक, शारीरिक सामाजिक और भावनात्मक विकास का अध्यन प्रसवपूर्व अवस्था से किशोरावस्था के अंत तक किया जाता है.
बाल विकास में इसके तुलना में बालकों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का अध्ययन किया जाता है.
बाल मनोविज्ञान को आधार मान कर सैद्धांतिक ज्ञान का प्रयोग व्यावहारिक उपयोग के लिए किया जाता है.
लेकिन बाल विकास पर यह लागू नहीं हो सकता है.
बाल मनोविज्ञान का आधुनिक नाम क्या है?
बाल मनोविज्ञान को समझने के लिए ‘बाल विकास’ आधुनिक नाम का भी उपयोग किया जाता है.
विश्व के प्रमुख बाल मनोवैज्ञानिक कौन कौन थे?
दुनियाभर में कई बाल मनोवैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने इस क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया है. उनके नाम है – जीन पियाजे, जी. स्टेनली हाल, अन्ना फ्रायड, आदि.
निष्कर्ष,
तो, दोस्तों इस लेख में आपने जाना बाल मनोविज्ञान के जनक कौन है (Father of Child Psychology in Hindi) और उनसे संबंधित बातों के बारे में जैसे कि :
जीन पियाजे को बाल मनोविज्ञान के जनक कहते हैं जो विकासात्मक मनोविज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी हस्ती माने जाते हैं.
दोस्तों, यदि आपको बाल मनोविज्ञान या बाल विकास के जनक पर निर्धारित यह लेख कैसा लगा? हमें नीचे कमेंट कर जरूर बतलाए.
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