आपने नैनो टेक्नोलॉजी (नैनो प्रौद्योगिकी) का नाम सुना जरूर होगा लेकिन क्या आपको पता है नैनो टेक्नोलॉजी क्या है और इसका जन्म कैसे हुआ?
दोस्तों, तकनीकी की दुनिया में हर रोज कोई न कोई नए अविष्कार हो रहे है जो अक्सर हमारे जीवन को एकदम से बदल कर रख देते हैं.
एक ऐसा ही नई तकनीकी का नाम है “नैनो टेक्नोलॉजी” या हिंदी में “नैनो प्रौद्योगिकी“, जो तेजी से बदलती इस तकनीकी दुनिया में हमेशा चर्चा में बनी रहती है.
इस लेख में हम इसी उभरते तकनीकी यानी नैनो टेक्नोलॉजी क्या है (Nano Technology in Hindi), इसके अनुप्रयोग, और हमारे जीवन एंव भविष्य पर इसका प्रभाव, आदि चीजों के बारे में जानेंगे.
नैनो टेक्नोलॉजी क्या है? (Nano Technology in Hindi)
नैनो टेक्नोलॉजी (Nano Technology), जिसे आमतौर पर नैनोटेक या नैनो प्रौद्योगिकी के रूप में जाना जाता है, परमाणु या मौलिक अस्तर पर घटनाओं को नियंत्रित करने की प्रक्रिया है.
इसमें 1 से 100 नैनोमीटर (अर्थात 10^-9m) स्केल में प्रमाणित मात्रा में पदार्थ को डिजाइन, निर्माण और उपयोग करने की तकनीक होती है.
आज इस क्षेत्र में भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और इंजीनियरिंग आदि जैसी विभिन्न वैज्ञानिक शाखों को शामिल किया गया, जो नैनोमीटर के स्तर पर मात्रा को नियंत्रित करके नैनोस्केल सामग्री की अद्वितीय गुणों को समझने और नियंत्रित करने का प्रयास करता है.
इस टेक्नोलॉजी के लिए भविष्य में संभावनाएं असीमित है क्योंकि नैनो टेक्नोलॉजी की खास बात यह है कि इसकी मदद से ऊर्जा की खपत को बढ़ाया जा सकता है, पर्यावरण को साफ़ रखा जा सकता है और बहुत सारी हेल्थ प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है.
नैनो टेक्नोलॉजी से बने प्रोडक्ट आकार में छोटे होंगे, वजन में हल्के होंगे, और कीमत में तुलनात्मक रूप से सस्ते होंगे. इसके अलावा इस प्रोडक्ट को बनाने में कच्चा माल भी कम लगेगा और साथ ही ऊर्जा की जरूरत भी कम होगी.
नैनो टेक्नोलॉजी का जन्म कैसे हुआ?
नैनो टेक्नोलॉजी या नैनो प्रौद्योगिकी जैसा कि आज हम सभी को पता है, इसकी शुरुआत 20वीं सदी में ही हो गई थी. इसका आइडिया भौतिक शास्त्री रिचर्ड फेनमैन के उस लेक्चर से आया जब उन्होंने एक मीटिंग में कहा “There’s Plenty of Room at the Bottom“, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत परमाणुओं और अणुओं में हेर-फेर की संभावनाओं पर चर्चा की.
उनके इस लेक्चर को आमतौर पर नैनो टेक्नोलॉजी (Nano Technology) या नैनो प्रौद्योगिकी का जन्म माना जाता है.
29 दिसम्बर 1959 को, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में एक अमेरिकी भौतिक सोसाइटी के मीटिंग में कही गई यह बात भी नैनो टेक्नोलॉजी का आधार बनी और करीब एक दशक के बाद प्रोफेसर नोरियो तनिगुची ने “नैनो टेक्नोलॉजी” शब्द का प्रयोग किया.
जब 1981 में इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार हुआ, तब से नैनो टेक्नोलॉजी पर रिसर्च चल रही है. हालांकि, 1980 और 1990 के दशक तक नैनो टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई थी.
लेकिन आज नैनो टेक्नोलॉजी को प्रयोग में लाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं और हम सभी इसका प्रयोग भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में देख सकते हैं.
नैनो टेक्नोलॉजी के 10 अनुप्रयोग
आज के समय में नैनो टेक्नोलॉजी (Nano Technology) के विभिन्न क्षेत्रों व्यापक अनुप्रयोग हैं जैसे कि:
- इलेक्ट्रॉनिक
- चिकित्सा और स्वास्थ्य
- ऊर्जा
- पर्यावरण शुद्धिकरण
- सामग्री विज्ञान
- खाना
- कपड़ा
- बेहतर पानी की गुणवत्ता
- ईंधन
- रासायनिक सेंसर
हमें नैनो टेक्नोलॉजी कहां मिलती है?
नैनो टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, खेल के समान, बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन सामग्री, कॉस्मेटिक और सनस्क्रीन, हेल्थ केयर टेक्नोलॉजी, फूड, नवीकरणीय ऊर्जा, आदि में देखने को मिलती है.
नैनो टेक्नोलॉजी के उदाहरण?
हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में नैनो टेक्नोलॉजी की उपयोग के कई उदाहरण है, जैसे की – कपड़े, खेल के समान, कॉस्मेटिक, इलेक्ट्रॉनिक, आदि.
नैनो टेक्नोलॉजी के क्या लाभ है?
नैनोटेक्नोलॉजी के प्रयोग के कई लाभ है, जैसे की – ऊर्जा दक्षता में वृद्धि, बेहतर जल फिल्टर और शुद्ध हो कर मिलना, चिकित्सा उपचार बेहतर होना, खाद्य सुरक्षा और कृषि बेहतर होना, आदि.
नैना टेक्नोलॉजी के क्या जोखिम (हानि) है?
नैनोटेक्नोलॉजी के जितने फायदे हैं उसके साथ-साथ इससे जुड़े संभावित जोखिम भी है, जैसे कि – स्वास्थ्य और पर्यावरणीय, नैतिक, आर्थिक जोखिम.
निष्कर्ष,
दोस्तों, इस लेख में आपको नैनो टेक्नोलॉजी क्या है? (Nano Technology Kya Hai), इसका जन्म कैसे हुआ, अनुप्रयोग, आदि के बारे में जानकारी दी गई है.
आपको बता दें, नैनोटेक्नोलॉजी विज्ञान और हमारी जीवन के काफी क्षेत्रों में प्रयोग होने वाली कमाल की तकनीकी है. यह एक परिवर्तनकारी क्षेत्र है जिसमें उद्योगों को नया आकार देने के साथ-साथ हमारे जीवन को भी बेहतर बनाने की पूरी क्षमता है.
आज इसे स्वास्थ्य सेवा से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा, सामग्री विज्ञान और पर्यावरण उपचार तक प्रयोग किया जा रहा है.
दोस्तों, जैसे-जैसे नैनोटेक्नोलॉजी में बढ़ोतरी होगी, हम एक ऐसे भविष्य की आशा कर सकते है जहां इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से असंभव कार्य को भी सम्भव किया जा सकता है और यही इसकी असली ताकत साबित होगी.
हम उम्मीद करते हैं आपको नैनोटेक्नोलॉजी क्या है (Nano Technology in Hindi) और इससे संबंधित अन्य बातों के बारे में समझ में आ गई होगी.
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